स्कूल प्रिंसिपल संदेश

अपने विद्यार्थियों को प्रबुद्ध महसूस कराना मेरी सर्वोच्च जिम्मेदारी है। अपने संगठन को अकादमिक उत्कृष्टता की ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करना मेरा अंतिम लक्ष्य है।
स्वामी विवेकानन्द के शब्द “उठो! जागना! और तब तक न रुकें जब तक कि सड़क पूरी न हो जाए'' हमारे आदर्श वाक्य और संदेशवाहक के रूप में कार्य करें जो हमारे बच्चों को जीवन भर प्रेरित करेगा।

रजनीकांत सुतरिया
प्रभारी प्राचार्य